➤ शिमला में “चिट्टे पर चोट” विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी का आयोजन
➤ राज्यपाल बोले — सरकार, विपक्ष और जनता नशे के खिलाफ एकजुट
➤ नशा तस्करों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे खासकर चिट्टा के खिलाफ अब सरकार, विपक्ष और समाज पूरी तरह एकजुट होता दिखाई दे रहा है। इसी संदेश को मजबूत करने के लिए शिमला में सजीवनी संस्था द्वारा “चिट्टे पर चोट” विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया।
राज्यपाल ने लोगों से नशा छोड़ने और जीवन चुनने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के प्रेरणा से उन्होंने हिमाचल में नशे के खिलाफ अभियान को प्राथमिकता दी और आज सरकार, विपक्ष तथा आम जनता तीनों इस गंभीर संकट के खिलाफ एकजुट खड़े हैं।
संगोष्ठी में प्रदेश भर की स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई एनजीओ प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ये सभी नशा विरोधी जागरूकता अभियान को गांव-गांव तक ले जाने का संकल्प लेकर लौटे।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि नशे के कारोबार में संलिप्त कुछ पुलिस कर्मियों की भूमिका बेहद चिंताजनक है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे कर्मचारियों पर न केवल कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि तस्करों को संरक्षण देने वालों पर सख्त और उदाहरणात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि प्रदेश में नशा माफिया की जड़ें पूरी तरह उखड़ सकें।



